पितृपक्ष में पितृगण का श्राद्ध तर्पण करने से पितर प्रसन्न होकर शुभ फल देते हैं। यही नहीं इससे परिवार में सुख शांति रहती है। पर इस काल के समय कुछ बातें भूलकर भी नहीं करनी चाहिए वरना पूर्वज क्रोधित हो सकते है
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१ ऐसा माना जाता है की इन दिनों में पितर किसी भी रूप में आपके घर पर आ सकते है, इसलिए अपने दरवाजे पर आने वाले किसी भी जिव का निरादर ना करें
२ पितृ पक्ष में पशु पक्षियों को अन्न-जल देने से विशेष लाभ होता है। इन्हे भोजन देने से पितृगण संतुष्ट होते है
३ जो व्यक्ति पितरों का श्राध्द करता है उसे पितृ पक्ष में ब्रम्हचर्य का पालन करना चाहिए। खान-पान में मांस-मछली को शामिल नहीं करना चाहिए
४ पितृ पक्ष के समय चना, मसूर, सरसों का साग, सत्तू , जीरा, मूली, काला नमक, लौकी, खीरा एवं बासी भोजन नहीं खाना चाहिए
५ पिंडदान करते समय सिर्फ अपने ही घर के आंगन में तर्पण करना चाहिए किसी और के घर के आँगन में नहीं करना चाहिए
६ श्राद्ध एवं तर्पण क्रिया में काले तिल का बड़ा महत्व है इसलिए पितृ कर्म करते समय सिर्फ काले तिल का उपयोग करना चाहिए लाल एवं सफ़ेद तिल का उपयोग नहीं करना चाहिए
७ शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष में कुत्ते, बिल्ली, और गायों को किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुचानी चाहिए
८ पितृ पक्ष के कालावधि में नए वस्त्र भी नहीं पहनने चाहिए
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